You must sing this song on Gangaur festival

According to Hindu religion, where Lord Shiva-Parvati and Gangaur are worshiped on the days of Gangaur festival, on the other hand Mata Gauri is pleased by singing the songs of Gangaur, but the biggest problem is selection and their availability of the song. Here for your convenience we have given folk songs sung on different occasions during Gangaur. 

गणगौर के गीत

(1) गारा की गणगौर

गारा की गणगौर कुआ पर क्यों रे खड़ी है।

सिर पर लम्बे-लम्बे केश, गले में फूलों की माला पड़ी रे।। गारा की गणगौर...

चल्यो जा रे मूरख अज्ञान, तुझे मेरी क्या पड़ी रे।

म्हारा ईशरजी म्हारे साथ, कुआ पर यूं रे खड़ी रे।। गारा की गणगौर...

माथा ने भांवर सुहाय, तो रखड़ी जड़ाव की रे।

कान में झालज सुहाय, तो झुमकी जड़ाव की रे।। गारा की गणगौर...

मुखड़ा ने भेसर सुहाय, तो मोतीड़ा जड़ाव का रे।

हिवड़ा पे हांसज सुहाय, तो दुलड़ी जड़ाव की रे।। गारा की गणगौर...

तन पे सालू रंगीलो, तो अंगिया जड़ाव की रे।

हाथों में चुड़ला पहना, तो गजरा जड़ाव का रे।। गारा की गणगौर...

पावों में पायल पहनी, तो घुंघरू जड़ाव का रे।

उंगली में बिछिया सुहाय, तो अनवट जड़ाव का रे।। गारा की गणगौर...

(2) हिंगलू भर बालद लाया रे

हिंगलू भर बालद लाया रे, म्हारा मान गुमानी ढोला।

कौन के आंगन रालूं रे, म्हारा मान गुमानी ढोला।।

ईसरजी के आंगन रालो रे, म्हारा मान गुमानी ढोला।

बाई गौरा कामन गाली रे, म्हारा मान गुमानी ढोला।।

जिनने मोह्या ईसरजी गौरा रा, म्हारा मान गुमानी ढोला।

हिंगलू भर... कौन के आंगन... मान गुमानी ढोला।।

बासकजी के आंगन रालो रे, म्हारा मान गुमानी ढोला।

बाई नागन कामन गाली रे, म्हारा मान गुमानी ढोला।।

जिनने मोह्या बासकजी नागन रा, म्हारा मान गुमानी ढोला।

हिंगलू भर... कौन के आंगन... मान गुमानी ढोला।

(इसी प्रकार सूरजजी- रामल, चांदकजी- सामल के नाम लेने के बाद अपने घर वालों, घर वाली के नाम लेकर गीत को आगे गाती जाएं।)

(3) नाना अमरसिंह पागां बांधे

नाना अमरसिंह पागां बांधे, पेंचा संवारे अजमेर।

नाना अमरसिंह मोती हो पहने, चूनी संवारे अजमेर।।

झाली जी एं खेलन दो गणगौर, खेलन दो गणगौर।

खेलन दो री हाड़ा राव की गणगौर, निरखन दो गणगौर।।

नाना अमरसिंह बागा हो पहने, कसना संवारे अजमेर।

नाना अमरसिंह कंठा हो पहने, डोरा संवारे अजमेर।

झाली जी एं खेलन दो गणगौर, खेलन दो गणगौर।

(इसी प्रकार अन्य गहनों, वस्त्रों का नाम लेकर गाएं।)

(4) ओ जी म्हारे आंगन कुवलो

ओ जी म्हारे आंगन कुवलो खुदा दो, जे को ठंडो पानी।।2।।

जूड़ो छोड़यो नहाबा बैठिया, ईसरजी की रानी।

रानी से पटरानी की जो, बोले अमृत वाणी।।

अमृत का दोई प्याला भरिया, कंकू की रे प्याली।

मीठो बोल्या हृदय बसिया, मन में हरक उछाव।। ओ जी म्हारे आंगन...

जूड़ो छोड़यो नहाबा बैठिया, बासकजी की रानी।

रानी से पटरानी की जो, बोले अमृत वाणी।।

अमृत का दोई प्याला भरिया, कंकू की रे प्याली।

मीठा बोलिया हृदय बसिया, मन में हरक उछाव।। ओ जी म्हारे आंगन...

(इसी प्रकार देवताओं के बाद घर वालों के नाम लें।)

(5) माथन भांवर घड़ा

माथन भांवर घड़ा री गणगौर, घड़ा री गणगौर।

रखड़ी के ऊपर नम जाती री, जरा झुक जाती री।।

खीची राजा का लड़का ने पाटन लूटी री,

पटवारियां लूटी, रंगवाड़ियां लूटी री। खीची राजा...

मुखड़ा ने मेसर घड़ा री गणगौर, घड़ा री गणगौर।

मोतीड़ा के ऊपर नम जाती री, जरा झुक जाती।। खीची राजा...

(इसी प्रकार अन्य गहनों का वर्णन करें।)

(6) सोनी गढ़ को खड़को

सोनी गढ़ को खड़को म्हे सुन्यो सोना घड़े रे सुनार

म्हारी गार कसुम्बो रुदियो

सोनी धड़जे ईश्वरजी रो मुदड़ो,

वांकी राण्या रो नवसर्‌यो हार म्हांरी गोरल कसुम्बो रुदियो

वातो हार की छोलना उबरी बाई

सोधरा बाई हो तिलक लिलाड़ म्हारे गोर कसुम्बो रुदियो।

(नोट- इसके आगे अपने पति का नाम लेना चाहिए)

(7) हांजी म्हारे आंगन कुओ

हांजी म्हारे आंगन कुओ खिनयदो हिवड़ा इतरो पानी

हांजी जुड़ो खोलर न्हावा बेठी ईश्वरजी री रानी

हांजी झाल झलके झुमना रल के बोले इमरत बानी

हांजी इमरत का दो प्याला भरिया कंकुरी पिगानी

(नोट- इसके आगे अपने पति का नाम लेना चाहिए)

(8) गाढ़ो जोती न रणु बाई आया

गाढ़ो जोती न रणु बाई आया

यो गोडो कुण छोड़ोवे

गाढ़ो छोज्ञावे ईश्वरजी हो राजा

वे थारी सेवा संभाले

सेवा संभाले माता अगड़ घड़ावे, सासरिये पोचावे

सासरिये नहीं जांवा म्हारी माता पिपरिया में रे वां

भाई खिलावां भतीजा खिलावां, तो भावज रा गुण गांवा

(नोट- इसके आगे अपने पति का नाम लेना चाहिए)

(9) रणु बाई रणुबाई रथ सिनगारियो तो

रणुबाई रणुबाई रथ सिनगारियो तो

को तो दादाजी हम गोरा घर जांवा

जांवो वाई जावो बाई हम नहीं बरजां

लम्बी सड़क देख्या भागी मती जाजो

उंडो कुओ देख्या पाणी मती पीजो

चिकनी सिल्ला देखी न पांव मती धरजो

पराया पुरुष देखनी हसी मती करजो  

(10) म्हारा दादाजी के जी मांडी गणगौर

म्हारा दादाजी के जी मांडी गणगौर

म्हारा काकाजी के मांडी गणगौर

रसीया घडी दोय खेलवाने जावादो

घडी दोय जावता पलक दोय आवता

सहेलियां में बातां चितां लागी हो रसीया

घडी दोय खेलवाने जावादो

थारो नथ भलके थारो चुड़लो चमके

थारा नेना रा निजारा प्यारा लागे हो मारुजी

थारा बिना जिवडो भुल्यो डोले।

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